राँची : झारखंड सरकार द्धारा किसानों के समृद्धि के लिए किसान समृद्धि योजना चलाया जा रहा है। यह योजना किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना के तहत किसानों को 90 % तक अनुदान झारखंड सरकार देती है।
किसानों से सम्बंधित इस योजना का लाभ सहित अन्य जानकारी प्राप्त करें।
योजना का उद्देश्य
उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी में वृद्धि करना।
कृषि में सिंचाई लागत को कम कर कृषि उत्पादन लागत को कम करना।
टिकाऊ तथा भरोसेमंद सिंचाई प्रणाली की स्थापना के माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों को सालोभर सिंचित खेती के लिए प्रेरित करना।
स्थानीय स्तर पर सालोभर उच्च पोषण युक्त खाद्य पदार्थों की उपलब्धता को बढ़ाना।
कृषि क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर सालोभर रोजगार सृजन कर पलायन को रोकना।
योजना की मुख्य विशेषताएँ
यह योजना राज्य के सभी 24 जिलों में चलाई जायेगी।
यह सभी तरह के जल स्रोतों (कुओं, नदी, झरना, तालाब, चेक डैम इत्यादि) से जल उठाव में उपयोगी है।
*इस योजना के अन्तर्गत दो तरह की सिंचाई इकाईयों की स्थापना/वितरण का प्रावधान है।
5HP सतही सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेट उद्दह
सिंचाई इकाई।
• 2HP सतही सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेंट चलंत सिंचाई इकाई।
*योजना में सरकार निर्धारित न्यूनतम दर पर 90 प्रतिशत तक अनुदान देगी एवं 10 प्रतिशत अंशदान लाभुकों द्वारा दिया जायेगा।
*योजना के अन्तर्गत लाभुकों का चयन ऑनलाईन आवेदन प्रक्रिया के आधार पर किया जाएगा।
इस योजना के अन्तर्गत स्थापित/वितरित सिंचाई इकाईयों की कम से कम 5 वर्षों तक रख रखाव तथा मरम्मत की जिम्मेवारी आपूर्तिकर्ता की होगी।
*आपूर्तिकर्ता की जवाबदेही है कि वह प्रत्येक सोलर सिंचाई इकाई में GPS अधिष्ठापित करते हुए प्रणाली आपूर्ति करेंगे एवं मुख्यालय स्तर पर GPS Monitoring हेतु Software/Dashboard उपलब्ध कराएंगे।
आँधी, तूफान, चक्रवात इत्यादि तथा चोरी के विरूद्ध पम्प सेट के लिए 5 वर्षों तक बीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी आपूर्तिकर्ता की होगी। सोलर पैनल पम्पसेट की वारंटी MNRE के मापदण्ड के अनुसार होगी।
सभी तरह के वारंटी, तकनीकी मेंटनेंस, चोरी, वार्षिक मेंटनेंस इत्यादि आपूर्तिकर्ता के दर के अन्तर्गत सम्मिलित रहेगी।
GPS अधिष्ठापन सहित सोलर चालित सिंचाई इकाई के रखरखाव, मरम्मत कार्य एवं 5 वर्षों तक बीमा सुरक्षा पर होने वाले व्यय के लिए आपूर्तिकर्ता के दर के आधार पर आपूर्तिकर्ता को भुगतान किया जाएगा।
*लाभूकों को इकाई के परिचालन तथा रख रखाव का प्रशिक्षण आपूर्तिकर्ता द्वारा दिया जाएगा।
*इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
किसान/आवेदक की पात्रता एवं आवेदन की प्रक्रिया
- कृषक समूह/स्वयं सहायता समूह/FPO/FPC/Co-operatives की ओर से समूह/संस्था के अध्यक्ष / सक्षम पदाधिकारी आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदक किसान / अध्यक्ष / सक्षम पदाधिकारी का आधार राशन कार्ड का e-KYC होगा।
- आवेदन में FPO/FPC/LAMPS/PACS के User Group लाभुकों की विवरणी देनी होगी।
- किसान/समूह/संस्था यह सुनिश्चित करेंगे कि आवेदकों की भूमि जल स्रोत के पास में ही हो, अन्यथा भूमि निरीक्षण के दौरान आवेदन सही नहीं पाये जाने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।
आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज
. व्यक्तिगत किसान
- जमीन का मालगुजारी रसीद
- वंशावली का शपथ पत्र / JRFRY से अनुबंधित किसान।
- आधार कार्ड का फोटो कॉपी
- बैंक पासबुक का फोटो कॉपी
- आधार लिंक्ड मोबाईल नम्बर
- कृषक समूह/स्वयं सहायता समूह /FPO/FPC/LAMPS/PACS
- संस्था पंजीकरण का प्रमाण-पत्र
- अध्यक्ष / सक्षम पदाधिकारी का आधार कार्ड तया आधार लिंक मोबाईल नम्बर
- यूजर ग्रुप के सदस्यों का आधार कार्ड।
- जिस भूमि के लिए आवेदन किया गया है, उस भूमि का मालगुजारी रसीद ।
- संस्था का बैंक खाता।
प्रज्ञा केन्द्रों (Common Service Centres) /Banking Component/LAMPS / PACS (e-KYC सुविधा के लिए) की भूमिका
- किसानों के द्वार पर बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए इस योजना को लागू करने के लिए प्रज्ञा केन्द्रों (CSC)/Banking Correspondent/LAMPS/PACS की सेवाएँ ली जायेगी।
- योजना वेब पोर्टल पर उपलब्ध होगी और प्रज्ञा केन्द्रों (CSC)/ Banking Correspondent/LAMPS/PACS इत्यादि में भी उपलब्ध होगी।
- पात्र आवेदक इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन प्रक्रिया के लिए अपने निकटतम प्रज्ञा केन्द्र (CSC)/Banking Correspondent/LAMPS/PACS इत्यादि में आएंगे।
•प्रज्ञा केन्द्र (CSC)/Banking Correspondent/LAMPS/PACS इत्यादि आवेदक हेतु e-KYC के लिए सुविधा की व्यवस्था करेंगे।
- आवेदन की प्रक्रिया में प्रज्ञा केन्द्र या अन्य को देय शुल्क का वहन आवेदक द्वारा किया जायेगा।
किसान कॉल सेंटर 1800-180-1551/1800-123-1136
मुख्यमंत्री किसान सहयोग कोषांग 0651-2490542 / 7632996429।
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