सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल माह में सहायक आचार्य नियुक्ति मामले में दायर याचिका पर आदेश दिया था कि झारखंड सरकार और जेएससीसी सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना सहायक आचार्य नियुक्ति का रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर सकती है, क्योंकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लंबित है इसलिए मामले के लंबित रहने तक रिजल्ट प्रकाशित नहीं कि जाए। इसी मामले में दायर याचिका पर मंगलवार को पुनः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। मंगलवार को बहस पूरी नहीं होने के कारण पुनः बुधवार को सुनवाई होगी।
बतादें कि हाई कोर्ट ने 26001 पदों पर सहायक आचार्य की नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास अभ्यर्थी या झारखंड के पड़ोसी राज्य से भी टेट परीक्षा पास करने वाले झारखंड के निवासी अभ्यर्थियों को भी सहायक आचार्य परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी और सहायक आचार्य बनने के तीन साल के अंदर JTET पास करने का निर्देश दिया था। जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में झारखंड टेट पास अभ्यर्थियों परिमल कुमार एवं अन्य ने हाई कोर्ट की इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी गई है।
दायर एसएलपी में प्रार्थी की ओर से पूर्व की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि झारखंड की क्षेत्रीय भाषा संथाली, खोरठा आदि का ज्ञान जेटेट अभ्यर्थियों के पास ही है क्योंकि उन्होंने इसकी परीक्षा को दी है पर सीटेट अभ्यर्थियों के पास क्षेत्रीय भाषा के रूप में हिंदी या अंग्रेजी विषय का ही आहर्ता है। और झारखंड के प्राथमिक स्कूलों में जब सीटेट शिक्षकों की नियुक्ति होगी, तो उन्हें झारखंड के लैंग्वेज में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी होगा। यह राइट टू एजुकेशन का भी उल्लंघन है। झारखंड हाई कोर्ट को ऐसा पॉलिसी डिसीजन लेने का पावर नहीं है यह अधिकार केवल पार्लियामेंट के पास ही है।
सहायक आचार्य नियुक्ति मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ सुनवाई
परिमल कुमार एवं अन्य द्वारा दायर एसएलपी का सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। मामले में करीब 2 घंटे तक कोर्ट में बहस हुआ। प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण, वरीय अधिवक्ता वी मोहना एवं झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष को रखा। पक्ष को रखते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 एवं सहायक आचार्य परीक्षा के विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती नहीं दी गई थी।
उक्त परीक्षा के लिए आवेदन फार्म का लास्ट डेट खत्म होने के बाद झारखंड हाई कोर्ट के आए आदेश का अनुपालन करते हुए नियमावली एवं उक्त परीक्षा के विज्ञापन में संशोधन कर दिया गया। जबकि नियम के अनुसार एक बार विज्ञापन जारी हो जाने के बाद विज्ञापन में बदलाव किए जाने का प्रावधान नहीं है। साथ ही अभ्यर्थियों की न्यूनतम अर्हता के साथ भी कोई छेड़छाड़ भी नहीं की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थियों की ओर से सुनवाई जारी है और कल फिर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।