सोमवार को बीएड डीएलएड अभ्यर्थियों ने जेटेट के सिलेबस में संशोधन की मांग को लेकर ट्विटर अभियान छेड़ा। जो कई घंटों तक ट्रेंड करता रहा। छात्र अधिकार मंच झारखंड ने कहा कि राज्य स्तर पर अभियान का नेतृत्व छात्र प्रतिनिधि जीवन यादव, उमेश वर्मा, मो अरमान, जय कुमार, सोनू कुमार, अजहर आदि कर रहे थे। यह परीक्षा आठ वर्षों के बाद राज्य में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा-2024 आयोजित हो रही है। छात्र काफी उत्साह में थे पर जारी सिलेबस एनसीटीइ के नियमानुसार नहीं बनाया गया है। कक्षा एक से पांच व कक्षा छह से आठ के प्रश्नों की कठिनाई का स्तर को बढ़ा दिया गया है। पाठ्यक्रम को आइआइटी स्तर के सिलेबस का हूबहू है। छात्र प्रतिनिधि जीवन यादव ने कहा कि टेट महज पात्रता परीक्षा है। जिसमें छात्रों को अपने शिक्षण व विषय से संबंधित ज्ञान के आधार पर अपनी योग्यता को प्रमाणित करना होता है। टेट में सिर्फ पात्रता सत्यापित करनी होती है, न कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के मुताबिक मेधा पाठ्यक्रम जेटेट के संदर्भ में अव्यवहारिक व अप्रासंगिक है। हिंदी व अंग्रेजी भाषा के लिए भी सभी छात्रों को स्नातक स्तर के पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करना पड़ेगा क्षेत्रीय भाषा पाठ्यक्रम की जानकारी नहीं दिया गया है।
विज्ञान के छात्रों के पाठ्यक्रम को भी आइआइटी स्तर पर और सामाजिक विज्ञान का पाठ्यक्रम सिविल सर्विस के स्तर का तैयार किया गया है। एक तो पाठ्यक्रम एनसीटीइ नियम के अनुरूप नहीं है, साथ ही परीक्षा के प्रत्येक खंड को भी पास करने की अनिवार्य शर्त रखी गयी है, जो भारत में किसी भी पात्रता परीक्षा में नहीं है। पाठ्यक्रम को सुधारने के लिए विभिन्न विभागों में मांग पत्र सौंपी गई है। यदि नियम अनुसार पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं होता है, तो छात्र को वृहद पैमाने पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।