JSSC CGL पेपर लीक मामले का आरोप लगाकर अभ्यर्थी एग्जाम को रद्द करने की मांग लगातार कर रहे हैं। इस मामले को लेकर अभी कुछ देर पहले JSSC अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। पूरे वस्तु स्तिथि से अवगत किया। जेएसएससी के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा किल JSSC CGL की परीक्षा में कुल 6 लाख 39 हजार 900 वैध आवेदन प्राप्त हुए। इसे लेकर 823 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
उन्होंने आगे बताया कि पूर्व की परीक्षा में जो समस्या आई थी उस पर आयोग ने मंथन कर एसओपी पुनः जारी किया। फिर एसओपी गाईडलाइन के तहत ही परीक्षा लिया गया। 12 प्रश्न पत्रों का एक गुच्छा बनाकर उसे एक एनवेलप में डाल कर मेटल लॉक में सील किया गया था। स्ट्रग रूम में रखा गया। इस दौरान स्ट्रॉन्ग रूम में सीसीटीवी कैमरा एवं दंडाधिकारी को नियुक्त किया गया था। वहीँ ट्रिपल निगरानी में स्ट्रांग रूम को खोला गया।
सभी पदाधिकारीयों की मौजूदगी में सट्रॉन्ग रुम परीक्षा के दिन एक समय पर खोला गया। चाभियां सील अवस्था में भी थी। मेटल परीक्षा के आधे घंटे पहले ही खुल सकते थे एवं सभी जगह सीसीटीवी कैमरा लगाए पगए थे। परीक्षा केंद्रों में सुप्रीटेंडेंट एव वरीय अधिकारी ही थे। वहीं पेपर को 5 उम्मीदवारों की उपस्थिति में खोला गया था।
उन्होंने आगे कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा कहा जा रहा है कि ओएमआर में जो सीरियल नंबर लिखा रहता है और बुकलेट नंबर में जो सीरियल नंबर रहता है वो अलग अलग था। पट इन दोनो के मिलान में कोई आवश्यकता नहीं है, हमारे पास ये भी व्यवस्था है की सब्जेक्ट कोड या कुछ गलती हुई है तो इस बार जब प्रिंटिंग हुई है तो उसमें डिजिटल कोडिंग भी की गई थी
जिससे यह पता चलेगा कि कौन अभ्यर्थी है और किस से केंद्र से हैं। सभी प्रश्न पत्र का डिजिटल कोडिंग की गई है। कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह भी कहा जा रहा कि क्वेश्चन पेपर सील नहीं थे, जिसपर उन्होंने कहा कि 20 लाख क्वेश्चन बनाए गए तो किसी मे सील छूट गया होगा। यह कोई परेशानी की बात नहीं है। इससे पेपर लीक का कोई खतरा नहीं है।
उन्होंने अभ्यर्थी द्वारा लगाए सभी आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा सभी केंद्रों में एग्जाम कदाचार मुक्त हुआ है। इसलिए एग्जाम कैंसिल करने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने एग्जाम कैंसिल से साफ इनकार कर दिया।
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