JSSC कार्यालय घेराव मामले में राँची पुलिस ने बड़ी कारवाई की है। 14 नामजद और 1000 अज्ञात आंदोलनरत छात्रों और विभिन्न कोचिंग संस्थानों के संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी राँची के नामकुम थाने में कार्यपालक दंडाधिकारी मो जफर और मजिस्ट्रेट अरुण कुमार के बयान पर दर्ज की गई है।
JSSC कार्यालय घेराव व पत्थरबाजी का आरोप
कार्यपालक दंडाधिकारी मो जफर और मजिस्ट्रेट अरुण कुमार के द्वारा दर्ज करवाई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि जेएसएससी परिसर में निषेधाज्ञा (धारा-144) लागू होने के बावजूद भी राज्यभर के छात्रों और विभिन्न कोचिंग संस्थानों के संचालकों ने बिना आदेश का जमा होकर पुलिस और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी। वहीं आयोग के बुलाये जाने पर 11 सदस्यीय दल ने आयोग के सचिव सुधीर कुमार गुप्ता और उपसचिव अरविंद कुमार लाल के साथ वार्ता होने के बाद भाषण के जरिए छात्रों को उकसाया गया। जिससे छात्र उग्र प्रदर्शन व पत्थर बाजी करने लगे। घटना में वहां प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी मो जफर, अरुण कुमार, नामकुम सीओ रामप्रवेश कुमार, डीएसपी मुख्यालय वन, कांके थानेदार पुअनि खरसीदाग सहित कई पुलिस कर्मीयों को चोटें भी लगी। पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
इन 14 नामजद लोगों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी
जिन 14 नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें धनबाद का जल मंडल ,कुणाल प्रताप सिंह , गिरिडीह का रामचंद्र मंडल ,प्रेमलाल ठाकुर, बोकारो का विशाल पाल, जमशेदपुर का विनय सिंह ,चतरा का प्रकाश कुमार, कोडरमाका प्रेम और अभिषेक , हजारीबाग का रोहित कुमार सिंह और अनुज कुमार, इचाक हजारीबाग का विनय कुमार, विमल कुमार और आशीष कुमार का नाम शामिल है।
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