JSSC CGL में 25 लाख में डील पक्की,मोबाइल में कई अभ्यर्थियों के नाम और रॉल नम्बर

JSSC CGL : देश के किसी भी कोने में परीक्षा होनी हो, उसमें बिहार के परीक्षार्थियों की संख्या बड़ी तादाद में होती है। यही वजह है कि जब प्रश्न – पत्र लीक का मामला सामने आता है, तो कहीं ना कहीं बिहार से तार जुड़ ही जाता है। झारखंड सरकार ने जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा संपन्न कराई। लेकिन इस परीक्षा में भी बिहार के प्रश्न पत्र लीक कराने वाले गैंग काफी सक्रिय थे।

इस बात का खुलासा रामगढ़ पुलिस ने तब – किया जब गैंग का एक सदस्य पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार बिहार के ही कुछ लोग रामगढ़ में परीक्षार्थियों को परीक्षा पास कराने की टिप्पा दे रहे थे। उन्हें यहां तक बताया जा रहा था कि जिस प्रश्न का उत्तर उन्हें नहीं आता है, वह उसे खाली छोड़ दें। अंदर की सेटिंग से उनके ओएमआर शीट पर सही उत्तर भी भर दिया जाएगा। इसके बदले में 25 लाख रुपए की डिमांड थी।

JSSC CGL का परीक्षार्थी बनाकर रामगढ़ पहुंचा चंचल, दूसरे अभ्यर्थियों को दे रहा था टिप्स

सोमवार को रामगढ़ एसडीपीओ परमेश्वर प्रसाद ने इस मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि इस गिरोह के कई सदस्यों के नाम सामने आ चुके हैं। गिरफ्तार सदस्य चंचल कुमार सिंह आरा जिले के चौरी थाना अंतर्गत बेरथ गांव का रहने वाला है।

वह रामगढ़ में एक परीक्षार्थी बनकर ही आया था। लेकिन यह तो उसके लिए दिखावा मात्र था। वह परीक्षार्थियों को नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम की उगाही करने आया था। उसने परीक्षार्थियों के मैट्रिक से लेकर स्नातक तक के सारे ओरिजिनल सर्टिफिकेट भी जमा कर लिए थे। ताकि जब वह परीक्षा पास कर जाएं तो बिना रकम दिए उनकी नौकरी नहीं हो पाए।

JSSC CGL के परीक्षार्थी से लिए गए थे पांच सादे चेक

जेएसएससी की परीक्षा पास करने के लिए चंचल ने परीक्षार्थियों से पांच चेक लिया था, जिसमें दोनों तरफ हस्ताक्षर किए गए थे। ऐसे परीक्षार्थियों को किस पेन से ओएमआर शीट भरना है, उन्हें कैसे प्रश्नों के उत्तर देने हैं और प्रश्न पत्र लोक नहीं होने को स्थिति में कैसे अंदर की सेंटिंग से उनके ओएमआर शीट पर प्रश्नों के सही उत्तर अंकित किए जाएंगे, इसके बारे में व्हाट्सएप चैट पर पूरी जानकारी दी गई थी।

परीक्षार्थियों को यहां तक बताया गया था कि पेटोनिक पेन से ही ओएमआर शीट भरें। साथ ही यह भी बोला गया था कि क्वेक्षन पेपर आउट नहीं हो पाया है, इसलिए अब अंदर से सेटिंग किया गया है। जिन परीक्षार्थियों का रोल नंबर सिंडिकेट में दिया गया है, उन्हें सिर्फ उतने ही प्रश्नों के उत्तर देने हैं, जितना वह सही जानते हैं। कोई भी नेगेटिव आंसर नहीं देना है। जिन प्रश्नों के उत्तर खाली रह जाएंगे, उसे सिंडिकेट के द्वारा सेटिंग से दोबारा भरवा दिया जाएगा और इसके बाद उनका रिजल्ट आउट होगा।

चंचल के मोबाइल में सभी कैंडिडेट के ये पूरे डिटेल

चंचल के पास जो मोबाइल मौजूद था उसमें कई अभ्यर्थियों के नाम और रोल नंबर थे। जिसमें उज्जवल कुमार, मुकेश कुमार सिंह, बरकत अली, दोषक कुमार, युवराज पांडे,अभय तिवारी, उत्तम कुमार के नाम शामिल थे। इसके अलावा कई अन्य लोगों को पास कराने की जिम्मेदारी चंचल और उसके गिरोह के सदस्यों ने ले रखी थी। सभी परीक्षार्थियों से जुड़े हुए सारे डिटेल्स उसके मोबाइल में मौजूद थे।

रामगढ़ में बस स्टैंड के पास स्टार होटल में रुककर सारी गतिविधि पर चंचल ने नजर रखी थी। जब झारखंड सरकार ने इंटरनेट बंद किए जाने की घोषणा की, तो उसने रणधीर सिंह, रिंकू और छोटू मित्रा से इस बारे में बात की। इसके बाद मुख्य सेटर रणधीर कुमार सिंह ने दूसरा रास्ता अपनाया था।

चंचल गया जेल, गिरोह को पकड़ने के लिए बनेगी टीम

रामगढ़ पुलिस ने कांड संख्या 297/24 धारा 336(3)/ 338/(6) बीएनएस 66 आईटी एक्ट एंड 12(3) दा झारखंड कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन मैसिव पर कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स इन रिक्रूटमेंट एक्ट 2013 के तहत गिरफ्तार चंचल कुमार को सोमवार को जेल भेज दिया है। लेकिन प्रश्न पत्र लीक करने वाले गैंग के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। क्योंकि मामला दूसरे राज्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए वरीय अधिकारियों की सहमति भी इसमें जरूरी है। जिले के आला अधिकारी अब इस गैंग के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम का गठन करेंगे।

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