हुजूर मेरे बेटे को भेज दीजिए जेल,चतरा की कौशल्या की व्यथा, बेटे का जीवन बच सके, इसलिए उसे भेजना चाहती है जेल
कौशल्या जैसी एक मां कभी भी अपने बेटे का अहित नहीं सोंच सकती। चाहें वह रामयुग की कौशल्या हो या फिर कलयुग में चतरा की कौशल्या। रामयुग में भी कौशल्या के नहीं चाहने पर भी उनके पुत्र राम को 14 वर्षों का वनवास झेलना पड़ा। अब चतरा की कौशल्या भी अपने सीने पर पत्थर रखकर ना चाहते हुए भी अपने बेटे चिंटू का जीवन बचाने के लिए उसे जेल भेजना चाहती है। यह मार्मिक दृश्य बुधवार को सदर थाना में देखने को मिला। दर असल शहर के धंगरटोली मोहल्ला निवासी लेखा राम का 20 वर्षीय पुत्र चिंटू राम ब्राउन शुगर की लत में पुरी तरह से फंस चूका है। ब्राउन के नशे में धूत चिंटू मंगलवार की देर रात
सदर अस्पताल के महिला वार्ड में घुसकर जमकर हंगामा किया।
महिला वार्ड में ड्यूटी कर रहे अस्पताल की महिला कर्मियों ने इसकी सूचना सदर थाना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे युवक को हिरासत में लेकर सदर थाना लाई। जब चिंटू की मां कौशल्या देवी को इसकी सूचना मिली तो वह सदर थाना पहुंचकर पुलिस से अपने बेटे को छोड़ने के बजाय उसे जेल भेजने की गुहार लगा रही थी। कौशल्या ने बताया कि चिंटू पूरी तरह से ब्राउन शुगर की लत में पड़ चुका है। नशे की हालत में वह घर में भी लोगों के साथ मारपीट करता है। उसका कहना था कि कुछ दिन जेल में रहने के बाद उसे छुड़ा लेंगे। लेकिन अभी इसको जेल भेज दीजिए। जेल में ब्राउन नहीं मिलेगा तो उसका नशे का लत भी छूट जाएगा। पुलिस युवक को देर शाम तक थाने में ही रखे हुए थी। अस्पताल की ओर से अब तक युवक के विरुद्ध किसी तरह का आवेदन नहीं दिया गया है। पुलिस आवेदन का इंतजार कर रही है।
चतरा में ब्राउन शुगर युवाओं के लिए बना काल, एक दर्जन से अधिक ने कर लिया सुसाइड
चतरा में ब्राउन शुगर जैसा मादक पदार्थ यहां के युवाओं के लिए काल बन गया है। सिर्फ शहर में ब्राउन शुगर की लत में पड़े युवाओं की संख्या 500 से अधिक हो गई है। चतरा में ब्राउन शुगर की लत में पड़ने वाले युवाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। ब्राउन शुगर की लत का आलम यह है कि शहर में अब तक लगभग एक दर्जन युवाओं ने समय पर ब्राउन शुगर नहीं मिलने के कारण आत्महत्या कर चुके हैं। अभी कुछ दिन पूर्व ही शहर के नगवां मोहल्ला में रहने वाले एक छात्र ने आत्महत्या कर लिया था। उसके पहले शहर के बकरी बाजार का एक युवक ब्राउन शुगर नहीं मिलने पर आत्महत्या कर लिया था। जबकि नशे की लत में पड़े दर्जनों युवकों को उनके परिजन नशे की लत छुड़ाने के लिए हरिद्वार व दिल्ली में रिहैबिलिटेशन सेंटर में काउंसलिंग करवा रहे हैं।
हुजूर हुजूर
500 में आसानी से उपलब्ध है ब्राउन भरा सिगरेट
चतरा में अफीम की खेती से भले ही कुछ तस्करों व माफिया लोग मालामाल हो रहे हैं। लेकिन इसका खामियाजा यहां के आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होने के कारण चतरा में ही ब्राउन शुगर तैयार होने लगा है। पुलिस ने कई बार ब्राउन शुगर बनाने की फैक्ट्री का भी खुलासा किया है। चतरा में ब्राउन शुगर आसानी से उपलब्ध है। तस्कर 500 रुपए में ब्राउन शुगर भरा हुआ एक सिगरेट बेचते हैं। ब्राउन शुगर की लत में पड़े युवक किसी भी तरह से रुपये हासिल कर नशे की पूर्ति करते हैं।
जागरुकता से ही संभव है बचाव : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी विपिन कुमार ने कहा कि चतरा के लिए इससे दुखद क्या हो सकता है कि एक मां अपने बेटे को जेल भेजने की गुहार लगा रही है। यह चतरा के सभी लोगों के लिए सोचनीय विषय है। लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। किसी भी हाल में आम लोगों को अफीम की खेती को रोकने के लिए सामने आना होगा। ना अफीम की खेती होगा और ना ही बाजार में ब्राउन शुगर आएगा।
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