हज़ारीबाग जिले के दारु थाना क्षेत्र में अजीबोगरीब फरमान सुनाया गया है। दारू थाना क्षेत्र के दिगवार पंचायत के ग्राम अम्बदोहर में डायन बिसाही का आरोप लगाकर एक महिला और उसके परिवार को पिछले छह माह से प्रताड़ित करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
सरकारी कुंए से पानी लाने पर भी प्रतिबंध
डायन का आरोप लगाकर महिला का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है और उसे जाति से भी बाहर कर दिया गया है। इस अमानवीय कृत्य की हद तब पार हो गई जब जाति के लोगों ने यह निर्णय लिया कि जो भी व्यक्ति पीड़ित परिवार के घर जाएगा उसे 25,000 रुपये जुर्माना देना होगा। यदि पीड़ित परिवार किसी अन्य पड़ोसी के घर जाएगा, तो उसे भी 25,000 रुपये जुर्माना देना होगा। पीड़ित परिवार को मोहल्ले में स्थित किसी भी दुकान से राशन नहीं दिया जाता और गाली-गलौज कर भगा दिया जाता है। सरकारी कुंवे से पानी लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पीड़िता ने थाने में आवेदन देकर लगाई न्याय की गुहार
इस मामले में दारु थाना को आवेदन देने के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़ित महिला जासो देवी, पत्नी महेश मरांडी, ने रोते हुए पत्रकार को अपनी व्यथा सुनाई। उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व गांव के ही फूलचंद मरांडी के बेटे की मौत हो गई थी, जिसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया और डायन का आरोप लगाकर समय-समय पर प्रताड़ित किया जाता रहा। जासो देवी को परिवार सहित जाति से बाहर कर हुक्का पानी बंद कर दिया गया। सरकारी कुंवे से पानी लेने पर भी मनाही कर दी गई।
पड़ोस के गोविंद महतो के पुराने कुंवे से दूषित पानी निकालकर खाने बनाने और पीने के लिए मजबूर हैं। इस साल मार्च महीने में जासो देवी अपने पति के पास जयपुर चली गई थीं, जहाँ उनका पति मजदूर का काम करता है। जून महीने में वापस आने के बाद प्रताड़ना और बढ़ गई। महिला की दो नाबालिग बेटियाँ और एक बालिग बेटा है, जिन्हें भी अक्सर मारपीट और जान से मारने की धमकी दी जाती है।
22 जुलाई को दारु थाना में आवेदन दिया गया, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा पड़ोसी धमकी देने लगे कि उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। दारु थाना प्रभारी शफीक खान ने कहा कि आवेदन प्राप्त हुआ है और मामले की जांच एएसआई गणेश हांसदा कर रहे हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार बेहद डरा और सहमा हुआ है और उन्हें किसी भी तरह की अनहोनी की चिंता सता रही है। अब वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं।