बायोमैट्रिक डिवाइस में रबर के फर्जी अंगूठे से निशान लगाकर कर अटेंडेंस बनाने का मामला रामगढ़ से आया है।
रामगढ़/कुजू। सरकारी तंत्र को चूना लगाने के लिए विभिन्न कंपनियों के लोग तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कोई फर्जी दस्तावेज तैयार करता है, तो कोई फर्जी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर कर रहा है। पर इस बार मामला आइडेंटी हैक का है।
श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के तहत रामगढ़ में सेमहिलाओं को प्रशिक्षण दे रही वीर सुभाष चंद्र बोस सेवा संस्थान ने महिलाओं की आइडेंटिटी को हैक कर ली। फिर फर्जी अंगूठे के निशान लगाकर झारखंड सरकार को ही चूना लगाया जा रहा था। इस पूरे गोरख धंधे का खुलासा रामगढ़ के एसडीओ आशीष गंगवार ने की है। उन्होंने रामगढ़ – जिले के कुजू श्री राम चौक के पास वीर सुभाष चंद्र बोस सेवा संस्थान के कार्यालय में छापेमारी किया तो भारी मात्रा में अंगूठे के निशान पाए गए ।
प्रथम दृष्ट्या उन्होंने इसे आइडेंटिटी हैक का मामला कहा है। उन्होंने कहा कि बायोमेट्रिक सिस्टम पर धंब लगाने के लिए रबड़ के अंगूठे बनाकर कंपनी के दफ्तर में रखे गए थे। यह कंपनी – लोगों को रोजगारपरक तकनीक का प्रशिक्षण देने का कार्य करती है। यहां पर कई महिलाएं मौजूद थी, पर अधिकारियों का जवाब संतोषजनक वह नहीं दे पाए।
सिलाई, कंप्यूटर,नर्सिंग, पार्लर जैसी कई स्किल की मिलती थी ट्रेनिंग, बायोमैट्रिक से प्रतिदिन बनानी होती है अटेंडेंस
बतादें कि मुख्यमंत्री सारथी योजना अंतर्गत बिरसा योजना के अंतर्गत वीर सुभाष चंद्र बोस सेवा संस्थान के द्वारा महिलाओं का स्किल डेवलपमेंट किया जा रहा था। उनके प्रशिक्षण केंद्र में सिलाई, कंप्यूटर,नर्सिंग,पार्लर सहित अन्य कई तरह के प्रशिक्षण महिलाओं को मिलते थे। जांच के क्रम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही महिलाओं ने एसडीओ को यह कहा कि कंपनी के द्वारा उनके अंगूठे के निशान जैसे ही रबड़ के अंगूठे बनवाए जाते थे। साथ ही उन्हें यह झांसा दिया जाता था कि जिस दिन वह लोग अनुपस्थित रहेंगी, उनके अटेंडेंस को बायोमेट्रिक सिस्टम में उन्हें अंगुठे के आधार पर लगाया जाएगा।
कंपनी के मालिक गोविंद सिंह एवं मैनेजर दिव्या जायसवाल की भूमिका संदिग्ध
एसडीओ आशीष गंगवार ने कहा कि कंपनी के मालिक गोविंद सिंह बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के रहने वाले हैं। मैनेजर दिव्या जायसवाल जमशेदपुर की रहने वाली है। उन दोनों की भूमिका काफी संदिग्ध है। कार्यालय में मिले सारे संदिग्ध वस्तुओं को जप्त कर ही लिया गया है एवं जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पूरी जांच होने के बाद ही कानूनी प्रक्रिया होगी।
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